CM Yogi Adityanath announces ‘UP Mathrubhumi Yojana.

The ‘Uttar Pradesh Mathrubhumi Yojana’ will make common citizens a direct participant in the development work of the state, claimed Chief Minister Yogi Adityanath. 


The following projects were inaugurated on this occasion:

1- Under PM Gram Sadak Yojana, the construction work of 6,208.45 km long 886 rural roads at a cost of Rs 4,130.27 crore.

2- Inauguration of renovation work of 1,930 km long 692 rural roads made at a cost of Rs 155 crore.

3- Inauguration of 537.82 km long 509 rural roads at a cost of Rs 195.07 crore to be constructed under hot mix method under district panchayats

Key Points.

Under the ‘Uttar Pradesh Mathrubhumi Yojana’, residents of Uttar Pradesh settled abroad will now be able to get community centres, Baraat Ghars and other such construction works done in their native villages in the memory of their relatives and forefathers.

‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के तहत विदेशों में बसे उत्तर प्रदेश के निवासी अब अपने पैतृक गांवों में अपने रिश्तेदारों और पूर्वजों की स्मृति में सामुदायिक केंद्र, बारात घर और इस तरह के अन्य निर्माण कार्य करवा सकेंगे.

It is known that a large number of people from Uttar Pradesh have left the rural environment who are living and working in different cities & states of the country and even abroad. Such people want to provide cooperation in the development of their native village of Uttar Pradesh, but due to the lack of any system in the past, they were not able to provide desired cooperation.

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग ग्रामीण परिवेश को छोड़कर देश के विभिन्न शहरों और राज्यों और यहां तक ​​कि विदेशों में रह रहे हैं और काम कर रहे हैं। ऐसे लोग उत्तर प्रदेश के अपने पैतृक गांव के विकास में सहयोग देना चाहते हैं, लेकिन पूर्व में कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण वांछित सहयोग नहीं दे पा रहे थे।

Under the scheme, if a person, a private organization wants to get development work done in a Gram Panchayat, development of infrastructure facilities & work permitted under Section 15 of the Panchayati Raj Act, and is willing to bear a minimum of 60 percent of the cost of the work as a donation. If so, the state government will bear the remaining 40% cost.


योजनान्तर्गत यदि कोई व्यक्ति, निजी संस्था किसी ग्राम पंचायत में विकास कार्य करवाना चाहता है, अधोसंरचना सुविधाओं का विकास एवं पंचायती राज अधिनियम की धारा 15 के अन्तर्गत अनुमत कार्य करता है तथा कम से कम 60 प्रतिशत राशि वहन करने को तैयार है। दान के रूप में काम की लागत। यदि हां, तो शेष 40% लागत राज्य सरकार वहन करेगी।

After the completion of the work, a plaque of the size and type prescribed by the state government will be installed on the top of the said building or infrastructure facility or according to the proposal of the person or institution that has cooperated.

कार्य पूर्ण होने के उपरान्त उक्त भवन अथवा अधोसंरचना सुविधा के शीर्ष पर अथवा सहयोग करने वाले व्यक्ति अथवा संस्था के प्रस्ताव के अनुसार राज्य सरकार द्वारा निर्धारित आकार एवं प्रकार की पट्टिका लगायी जायेगी।

CM ASKS FOR ACTION PLAN.

Chief Minister Yogi Adityanath also asked the Department of Rural Development and Panchayati Raj to submit an action plan for the formal launch of this innovative scheme.

He said that continuous work was being done by the central and state governments for the overall development of the villages. The ‘Uttar Pradesh Mathrubhumi Yojana’ can be a good attempt in the establishments of health center, Anganwadi, library, stadium, gymnasium, open gym, cattle breed improvement center, fire service station among others in villages, the chief minister said.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को इस अभिनव योजना के औपचारिक शुभारंभ के लिए एक कार्य योजना प्रस्तुत करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ गांवों में स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाड़ी, पुस्तकालय, स्टेडियम, व्यायामशाला, ओपन जिम, पशु नस्ल सुधार केंद्र, अग्निशमन केंद्र आदि की स्थापना के लिए एक अच्छा प्रयास हो सकता है।

For setting up CCTVs for smart villages, development of funeral sites, or installation of solar lights, there can be public participation in every work. Through this new scheme, the person concerned will be able to take full credit for the project by bearing half of the total cost.

While interacting with the presidents and members of the gram panchayats, kshetra panchayats and district panchayats, Chief Minister Yogi Adityanath said that the panchayats needed to be self-reliant. He stated that with sufficient available resources, efforts should be made for self-reliance by adopting innovations.

The chief minister further said that for the betterment of the panchayats, healthy competition should be organized and their innovations should be rewarded. He also encouraged the panchayats to give a model of sustainable development.

स्मार्ट विलेज के लिए सीसीटीवी लगाने, शवदाह स्थलों के विकास, सोलर लाइट लगाने के हर काम में जनभागीदारी हो सकती है. इस नई योजना के माध्यम से संबंधित व्यक्ति कुल लागत का आधा वहन कर परियोजना का पूरा श्रेय ले सकेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के अध्यक्षों और सदस्यों से बातचीत करते हुए कहा कि पंचायतों को आत्मनिर्भर होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पर्याप्त उपलब्ध संसाधनों के साथ नवाचारों को अपनाकर आत्मनिर्भरता के प्रयास किए जाने चाहिए।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंचायतों की बेहतरी के लिए स्वस्थ प्रतियोगिता आयोजित की जानी चाहिए और उनके नवाचारों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए. उन्होंने पंचायतों को सतत विकास का एक मॉडल देने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

RURAL DEVELOPMENT.

ग्रामीण विकास.

Stressing on rural development, the CM further said that roads were a powerful means of strengthening the rural economy. “Countries with developed infrastructure are also economically prosperous. In a state like Uttar Pradesh, about 80 per cent of the population lives in rural backgrounds. To strengthen the rural economy, good roads and better connectivity are essential which is being done continuously through PMGSY”.

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास पर जोर देते हुए कहा कि सड़कें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का सशक्त माध्यम हैं. “विकसित बुनियादी ढाँचे वाले देश आर्थिक रूप से भी समृद्ध हैं।

उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण पृष्ठभूमि में रहती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अच्छी सड़कें और बेहतर कनेक्टिविटी जरूरी है जो PMGSY के माध्यम से लगातार किया जा रहा है।

The Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana, which was started by former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee in the year 2000, is becoming a medium for the progress of villages today, he added.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना आज गांवों की प्रगति का माध्यम बन रही है।

Uttar Pradesh is the first state to use FDR technology in PMGSY projects. The CM expressed happiness for the construction of roads in Azamgarh and Jaunpur district panchayats through FDR as a pilot project.

PMGSY परियोजनाओं में एफडीआर प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने आजमगढ़ एवं जौनपुर जनपद पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एफडीआर के माध्यम से सड़कों के निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त की.

CM WARNS AGAINST CORRUPTION.

Citing the recent actions against the corrupt officers and employees, CM Yogi Adityanath also warned against delay in payment of dues to the contractors without any concrete reason. The CM also directed all the zila panchayat adhyaksh to conduct physical verification of the construction works.

Rural Development Minister Rajendra Pratap Singh, Panchayati Raj Minister Bhupendra Singh Chaudhary, Minister of State (Independent Charge) Upendra Tiwari and Minister of State Anand Swaroop Shukla also expressed their views in the program.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ हाल ही में की गई कार्रवाई का हवाला देते हुए बिना किसी ठोस कारण के ठेकेदारों को बकाया भुगतान में देरी करने की भी चेतावनी दी. सीएम ने सभी जिला पंचायत अध्यक्षों को निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन करने का भी निर्देश दिया।

कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेंद्र तिवारी और राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने भी विचार व्यक्त किए.

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